उत्तराखण्ड
पंचायत चुनावों में आरक्षण को लेकर आपित्तयों की सुनवाई में अजब शिकायतें।

सर, तमाम युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, इसलिए शादी भी नहीं हो रही। चुनाव लड़कर बीडीसी मेंबर, प्रधान या जिला पंचायत सदस्य बन जाते तो शादी का रास्ता खुल जाता। मगर इस बार भी सीट आरक्षित हो गई है, अब कैसे चुनाव लड़ें। कम से कम युवाओं की बेरोजगारी देखते हुए उनके चुनाव लड़ने के लिए सीट अनारक्षित कर दीजिए। क्या पता चुनाव जीत जाएं तो शादी हो जाए…। शादी के वास्ते सीट अनारक्षित करने की यह गुहार उन युवाओं की थी जो ग्राम पंचायत चुनाव में प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। उनका ख्वाब था चुनाव जीतकर वरमाला पहनने का, मगर सीट आरक्षित हो गई। अब उन्होंने सीट अनारक्षित करने की गुहार लगाई है। आरक्षण सूची जारी होने के बाद मंगलवार को आपत्तियां सुनने का दिन था। मुख्य विकास अधिकारी अनामिका, एडीएम पीआर चौहान के सामने जब आपत्तियां आने लगीं तो ऐसे ही कुछ रोचक मामले भी सामने आए। जिले में आरक्षण पर 430 आपत्तियां दर्ज की गईं हैं
