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उत्तराखण्ड

Bhimtal :- महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं की यहां काफी भीड़ देखने को मिलती।

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल में भगवान शंकर का भव्य मंदिर है, जिसे छोटा कैलाश भी कहा जाता है। सावन माह में बड़ी संख्या में भोलेनाथ के भक्त यहां पूजा-अर्चना और उनके दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। जबकि महाशिवरात्रि के दौरान भी श्रद्धालुओं की यहां काफी भीड़ देखने को मिलती है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से यहां आता है और भगवान शिव का ध्यान करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।शिवरात्रि के मौके पर मंदिर जाने का प्लान कर रहे हैं तो चले आइये “छोटा कैलाश” भीमताल ब्लॉक का पिनरो गांव की छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है छोटा कैलाश, माना जाता है की भगवान शिव एक बार यहां आए और इस दौरान भगवान शिव-पार्वती ने इस पहाड़ी पर विश्राम भी किया। मान्यता है की इसी स्थान पर बैठकर भगवान शिव ने राम और रावण के बीच युद्ध देखा था। सावन, माघ और महाशिवरात्रि को यहां श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ जाती है, शिवरात्रि को यहां बड़ा मेला लगता है और विशेष पूजा का आयोजन होता है। काफी दूर दराज से लोग छोटा कैलाश पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं कैसे पहुंचे छोटा कैलाश मंदिर
नैनीताल के पिनरों गांव की एक पहाड़ी पर स्थित है भोलेनाथ का यह मंदिर। दो रास्तों से यहां पहुंचा जा सकता है। एक तो भवाली होते हुए भीमताल से, जिसके लिए जंगलिया गांव के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। यहां से यह मंदिर करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरा रास्ता हल्द्वानी से अमृतपुर होते हुए जाता है, जो लगभग 35 किमी की दूरी पर है। यहां पहुंचने के बाद पहाड़ की चोटी तक 3 से 4 किमी खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। रास्ते में भक्तों के कुछ देर बैठने की भी उचित व्यवस्था की गई है। पिनरों गांव के ऊंचे पर्वत पर विराजमान छोटा कैलाश मंदिर श्रद्धालुओं में सदैव आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है।

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