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उत्तराखण्ड

सीएम धामी ने 46 करोड़ 24 लाख के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, दिव्यांग सशक्तिकरण कौशल विकास वाहन व नगर निगम काशीपुर की 14 कूड़ा एकत्रित करने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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काशीपुर – राज्य स्थापना रजत जयंती के अवसर पर काशीपुर में प्रथम राज्य स्तरीय शहरी विकास सम्मेलन का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्जवलित कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

इसके उपरांत माननीय मुख्यमंत्री ने 46 करोड़ 24 लाख के विकास कार्यों लोकार्पण एवं शिलान्यास किया तथा दिव्यांग सशक्तिकरण कौशल विकास वाहन व नगर निगम काशीपुर की 14 कूड़ा एकत्रित करने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना के राजतोत्सव के अवसर पर आयोजित विशिष्ट सम्मेलन में उपस्थित प्रदेश की “शहरी सरकार” के सभी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया। उन्होंने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कार्यक्रम में आये आप सभी को उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती की अग्रिम बधाई एवं शुकामनाएं देता हूं। उन्होंने इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य निर्माण में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सभी ज्ञात अज्ञात अमर बलिदानियों और राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने कहा कि ये हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि हमारा गौरवशाली राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के प्रारंभिक वर्षों में, जब हमारे शहर अपने स्वरूप में ढल रहे थे, तब हमारे निकायों के सामने बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ आवश्यक संसाधनों का भी अभाव हुआ करता था। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं ने भी विकास कार्यों की गति को अत्यधिक प्रभावित किया। परंतु इन 25 वर्षों की इस गौरवमयी यात्रा में हमारे राज्य ने अनेकों चुनौतियों का सामना करते हुए विकास, समृद्धि और सुशासन के नए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

श्री धामी ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि यदि हमारे राज्य की आत्मा उसके गाँवो में बसती है तो शहरों में हमारे नागरिकों के सपने और आकांक्षाएँ आकार लेते हैं। इसी सोच के साथ हमने शहरी विकास को अपनी प्राथमिकताओं के केंद्र में रखा है। मुझे प्रसन्नता है कि आप सभी हमारे शहरों में न केवल बुनियादी सुविधाएँ जनता तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं, बल्कि शहर की दिशा और दशा तय करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपके निरंतर प्रयासों और समर्पण के कारण ही आज हमारे नगर स्वच्छता, सड़क व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति और जनकल्याण जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने सभी को इस उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी देते हुए कहा कि मैं आशा करता हूँ कि आप आगे भी इसी निष्ठा और उत्साह के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखण्ड का नगरीय स्वरूप तेजी से बदला है। वर्ष 2001 में जहाँ हमारी शहरी जनसंख्या लगभग 16 प्रतिशत थी, वहीं आज ये बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। यही नहीं, राज्य गठन के समय हमारे यहाँ केवल 63 स्थानीय निकाय थे और देहरादून एकमात्र नगर निगम हुआ करता था, लेकिन आज, हमारे राज्य में 107 नगरीय निकाय और 11 नगर निगम, हमारे शहरों के विकास और नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।

माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के समय शहरी विकास विभाग का बजट जहाँ केवल 55 करोड़ रुपये था, वहीं आज ये बढ़कर 13 सौ करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि इन बीते 25 वर्षों में हमारे शहरों ने न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान की है, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के अनगिनत अवसर भी सृजित किए हैं। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के सिद्धांत पर चलते हुए भारत को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से आज देश के लाखों शहरों, कस्बों और नगरों में साफ-सफाई की एक नई संस्कृति विकसित हुई है। अमृत योजना के द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे जैसे जल आपूर्ति, सीवरेज और हरित स्थानों को सशक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा शहरी विकास को तकनीक और नागरिक सुविधा के साथ जोड़ते हुए एक आदर्श नगर विकास का मॉडल प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाखों गरीब परिवारों को अपने खुद के पक्के घर प्राप्त हुए हैं।

श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जहां एक ओर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक नगर में ठोस कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। वहीं स्मार्ट सिटी मिशन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत मिशन, खुले में शौच मुक्त अभियान और लीगेसी वेस्ट प्रबंधन जैसी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को देने का प्रयास किया का रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवारों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार साढ़े 82 करोड़ रुपये की लागत से 52 स्थानीय निकायों में 115 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। जिसमें से लगभग 40 केंद्रों का संचालन प्रारंभ किया जा चुका है, जबकि आगामी एक माह के भीतर सभी केंद्रों पर सुविधाएं प्रारंभ कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमने एक ओर जहां राज्य में निराश्रित गौवंशों को आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से आश्रय योजना प्रारम्भ की है। वहीं, स्थानीय निकायों में श्वानों की बढ़ती संख्या की रोकथाम हेतु एनिमल बर्थ कंट्रोल योजना की भी शुरुआत की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रत्येक नगर निकाय में रजत जयंती पार्कों का भी निर्माण करा रहे है जिसमें से अब तक 57 पार्कों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर अपने प्रदेश को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे है। हमारी राज्य सरकार द्वारा एक ओर जहां, प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में सार्थक प्रयास किया जा रहा है। वहीं, लोकल फॉर वोकल’, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से विकसित भारत एवं विकसित उत्तराखंड बनाने के स्वप्न को साकार करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। एक ओर जहां हम एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से हमारे पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान दिलाने का काम भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी पहलों के माध्यम से हम प्रदेश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का वृहद कार्य भी कर रहे हैं। इन योजनाओं से न केवल राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद विगत 4 वर्षों में हमारे प्रदेश ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनकी गूंज आज पूरे देश में सुनाई दे रही है। उन्होंने कहा कि ये हम सभी के लिए बड़े गर्व का विषय है कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। हम केदारखंड की भांति ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्गीकरण हेतु भी संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में हमने जहां एक ओर काशीपुर के चैती मंदिर को मानसखंड कॉरिडोर का हिस्सा बनाया है। वहीं हम यहां के विभिन्न प्राचीन मंदिरों और शिवालयों के पुनर्निर्माण और सौंदर्गीकरण हेतु भी निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से काशीपुर के समग्र विकास को सुनिश्चित करने हेतु भी पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हम जहां एक ओर काशीपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करा रहे हैं, वहीं ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से 1100 करोड़ रुपए की लागत से औद्योगिक हब परियोजना एवं 100 करोड़ की लागत से अरोमा पार्क परियोजना भी संचालित की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के समग्र विकास के साथ-साथ अपने सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। हमने प्रदेश में एक ओर जहां धर्मांतरण विरोधी और सख्त दंगारोधी कानूनों को लागू किया है वहीं लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी जिहादी मानसिकताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है। इतना ही नहीं हमने जहां एक ओर राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू कर सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की स्थापना की है। वहीं, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लगाने हेतु प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून भी लागू किया है। जिसके परिणामस्वरूप आज राज्य के 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित हो रहे अवैध मदरसों की आड़ में बच्चों को गुमराह करने का षड़यंत्र रचा जा रहा था, लेकिन हमने ऐसे मदरसों पर कार्यवाही करते हुए 250 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने का कार्य भी किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा प्रदेश में भेष बदलकर सनातन धर्म को बदनाम करने का षड्यंत्र किया जा रहा था, लेकिन मैंने साफ कहा कि जो सनातन धर्म को बदनाम करेगा, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इसलिए हमने प्रदेश में “ऑपरेशन कालनेमि” अभियान चलाकर ऐसे पाखंड़ियों पर कड़ी कार्रवाई की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में मदरसा बोर्ड को भी खत्म कर दिया है। इसके पूरी तरह लागू होने के बाद 1 जुलाई 2026 से हमारे प्रदेश में वे मदरसे बंद हो जाएंगे, जिनमें हमारे सरकारी बोर्ड का पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही, हम राज्य से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति के साथ संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक ओर जहां आईएएस और पीसीएस अफसर सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की है, वहीं पिछले चार वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने का काम भी किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी नीति या योजना की वास्तविक सफलता तभी संभव है, जब उसमें जनता की सक्रिय भागीदारी हो। आप सभी, नगर निकायों के प्रतिनिधि के रूप में, सरकार और जनता के बीच सबसे मजबूत कड़ी हैं और आपके निर्णयों तथा आपकी सक्रियता पर ही शहरों का भविष्य टिका है। उन्होंने कहा कि अब जब राज्य 25 वर्ष पूरे कर रहा है, तो अगले 25 वर्ष हमें “स्वर्णिम उत्तराखंड की दिशा में आगे बढ़ना है। एक ऐसा उत्तराखंड जो आत्मनिर्भर हो, पर्यावरण के अनुकूल हो और अवसरों से परिपूर्ण हो।

मुख्यमंत्री ने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि हर निकाय अपने क्षेत्र में एक प्रेरक मॉडल परियोजना शुरू करे। स्वच्छता, जल-संरक्षण और हरियाली अभियान को जन आंदोलन बनाए। नागरिक सेवाओं में डिजिटल पारदर्शिता लाए। और युवाओं को स्थानीय रोजगार व नवाचार से जोड़े। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि हम एक आत्मनिर्भर, सुशासित, समृद्ध और गौरवशाली उत्तराखंड का निर्माण करें। और हमारा ये संकल्प तभी पूर्ण होगा है जब हमारे स्थानीय निकाय मजबूत होंगे। पर इसके लिए आप सभी को अपने प्रत्येक कार्य में उत्कृष्टता और समर्पण का परिचय देना होगा, जिससे आने वाले वर्षों में हम उत्तराखंड को एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाएंगे और उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने में इसी प्रकार हमारी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान देते रहेंगे।

कार्यक्रम को मेयर काशीपुर दीपक बाली, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, सचिव शहरी विकास नितेश कुमार झा ने सम्बोधित किया व सभी अतिथियों का स्वागत कर रजत जयंती की बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन निदेशक शहरी विकास विनोद गिरी गोस्वामी ने किया।

इस अवसर पर राज्य सभा सदस्य महेंद्र भट्ट, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, फरजाना बेगम, मुकेश कुमार प्रदेश महामंत्री कुंदन परिहार, दीप्ती रावत, गुंजन सुखीजा, जिलाध्यक्ष मनोज पाल, महापौर गजराज बिष्ट, शम्भू पासवान, कल्पना देवलाल, शैलेन्द्र सिंह रावत, अजय वर्मा जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा व सहित निकयों के अध्यक्ष व अधिकारी मौजूद थे।

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