उत्तराखण्ड
हल्द्वानी हिंसा: पत्थर लगे और मैं नीचे गिरी…ऊपर से चढ़कर भागे लोग, महिला पुलिसकर्मी ने सुनाई खौफनाक आपबीती
जब लोगों ने पत्थर मारने शुरू किए तो सभी आड़ लेने की जगह ढूंढने लगे। पथराव बढ़़ते ही वहां भगदड़ मच गई। तभी एक पत्थर आकर पीठ पर लगा और किसी के धक्के से मैं नीचे गिर गई। इससे हाथ में नीचे टूटा कांच घुस गया।
दर्द से कराहने लगी थी और जैसे ही उठने की कोशिश की, तो लोग मेरे ऊपर से ही कुचलते हुए भागते रहे। तब लगा था आज घर वापस नहीं जा पाऊंगी। यह कहना है घायल पुलिसकर्मी हेमा जोशी का। 31 पीएसी में एसआई हेमा जोशी के हाथ में चोट लगी है। पूछने पर बताया कि हाथ में कांच घुस गया है, जिसका इलाज बेस अस्पताल में करवाया। बातचीत के दौरान भी उनकी आंखों में बीती शाम का खौफनाक मंजर नजर आ रहा था। कहा कि वह हमेशा की तरह ड्यूटी करने रुद्रपुर से हल्द्वानी अपने साथियों के साथ पहुंची थी। उनको बनभूलपुरा में भेजा गया। यहां महिलाएं विरोध कर रही थी, जिनको रोकने के लिए हम लोग आगे बढ़े। महिलाओं को रोक भी लिया था, लेकिन तभी अचानक पत्थर आने लगे। देखा तो दूर से युवक और बच्चे पत्थर बरसा रहे थे। पथराव से सभी तितर बितर हो गए तो छिपने की जगह देखते लगे। मगर कहीं जगह नहीं दिखी तो वापस बाहर को निकलने की कोशिश की।इस दौरान धक्के से नीचे गिर गई मगर न तो किसी को वो नीचे गिरी दिखी न कोई मदद को रुका। हर कोई उनके ऊपर से चढ़कर वहां से निकलता रहा। इस दौरान ऊपर से पत्थर भी पड़ते रहे। किसी तरह वहां से निकलकर खुद को बचा पायी। इस माहौल को बयां करते हुए उनकी आखें भी भीग गई। बताया कि उनका 23 साल का एक बेटा है, जो मुंबई में नौकरी करता है। जब यह हुआ तो उसका चेहरा आंखों के सामने आ गया था और लगा कि आज वापस लौटकर नहीं जा पाऊंगी। कहा कि इसके बाद भी घर पर कुछ नहीं बताया, लेकिन जैसे की उनको न्यूज मिली, तो सब परेशान हो गए। बेटा फोन करके बार बार हाल पूछ रहा है और घर वाले चिंता में हैं।