उत्तराखण्ड
स्याल्दे के मुनानी और ओखलों में अतिवृष्टि से भारी नुकसान
स्याल्दे (अल्मोड़ा)। स्याल्दे में हुई भारी बारिश से मुनानी और ओखलों गांव के ग्रामीणों के लिए आफत बनकर बरसी। यहां अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। बारिश के बाद उफान पर आया नाला अपने साथ खेत, खलिहान और घरों के आसपास की सुरक्षा दीवार अपने साथ बहा ले गया। भू-कटाव और सुरक्षा दीवार ढहने से मुनानी गांव में पांच मकान खतरे की जद में आ गए।कुमाऊं और गढ़वाल की सीमा से सटे स्याल्दे विकासखंड के 500 की आबादी वाले मुनानी और ओखलों गांव में बीते बृहस्पतिवार को भारी बारिश के बाद हुई अतिवृष्टि से खासा नुकसान हुआ है। रात करीब दो बजे भारी बारिश के बाद गांव के पास छोटा नाला उफान पर आया और अपने साथ भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर बहा लाया।
संयोग से नाले का रुख आबादी से हटकर होने से बड़ी घटना होने से बच गई। लेकिन भारी बारिश के बाद भू-कटाव और सुरक्षा दीवार ढहने से मुनानी गांव में पांच मकान खतरे की जद में आ गए।
40 नाली उपजाऊ भूमि भी फसल सहित आपदा की भेंट चढ़ गई और बचे खेत-खलिहान मलबा और बोल्डरों से पट गए। ऐसे में यहां के किसानों को खासा नुकसान हुआ है और वे मायूस हैं।
सूचना के बाद दूसरे दिन राजस्व की टीम ने गांव पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। अधिकारियों के मुताबिक जल्द रिपोर्ट तैयार कर प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा।मलबा और बोल्डर गिरने से पेयजल योजनाएं ध्वस्त, जलापूर्ति ठप
स्याल्दे। मुनानी और ओखलों गांव में आपदा के कहर से जनजीवन प्रभावित हुआ है। भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरने से दोनों गांवों को जलापूर्ति करने वाली भाबर, तल्ली और मल्ली मुनानी पेयजल योजनाएं ध्वस्त हैं, इससे पेयजल आपूर्ति ठप है। ऐसे में यहां के 150 से अधिक परिवारों को खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही है और ग्रामीण गधेरे और प्राकृतिक जल स्रोतों से प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं।