उत्तराखण्ड
यहां नवविवाहिता ने गटका जहर, उपचार के दौरान तोड़ा दम, अब आधार कार्ड ने खोला बड़ा राज
हल्द्वानी :- नवविवाहिता ने संदिग्ध हालात में विषैला पदार्थ गटक लिया। उसे सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे घोषित कर दिया। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मृतका का पोस्टमार्टम हुआ। पुलिस के अनुसार, आशिका उर्फ भूरी (17) पत्नी मनोज पाल निवासी भैरव नगला अपने पति, सास-ससुर और देवर के साथ नर्सिंग बाड़ी पीलीकोठी रोड मुखानी में किराये पर रहती थी। उसका पति ऑटो चलाता है। ससुर खेत में बंटाई का काम करते हैं। मनोज पाल ने बताया कि वह रोज सुबह स्कूली बच्चों को स्कूल छोड़ने जाता है।
रविवार को छुट्टी होने के कारण वह एक बजे तक सोता रहा। दो बजे वह किसी काम से अपनी बाइक लेकर इको टाउन चला गया। करीब साढ़े चार बजे उसे घर से फोन आया कि भूरी ने विषैला पदार्थ गटक लिया है। घर पहुंचने पर परिवार वालों और उसने भूरी को साबुन का पानी पिलाया। हालत बिगड़ने पर उसे करीब छह बजे सुशीला तिवारी अस्पताल लाए। यहां डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सोमवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ।
उधर भूरी के ताऊ और मां भी बदायूं से पोस्टमार्टम पहुंचे। परिवार वालों ने बताया कि भूरी की शादी को छह महीने हुए हैं। उन्होंने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया। उधर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
दो आधार कार्ड की बात आई सामने, उम्र में संशय
मजिस्ट्रेट की जांच में परिवार वालों ने एक आधार कार्ड दिया। जिसमें मृतका की तिथि एक जनवरी 2007 लिखी हुई थी। तहसीलदार सचिन कुमार ने जब लड़की के नाबालिग होने की बात कही तो परिवार वालों ने बताया कि उनके पास दूसरा आधार कार्ड है। उसमें भूरी की उम्र 18 साल से अधिक है। जब उनसे आधार मांगा तो वह घर में होने की बात कहने लगे। तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि मृतका के परिजनों से आधार मांगा गया है। उन्होंने बताया कि पुराने आधार कार्ड में जन्म की तारीख गलत दर्ज हो गई थी।