उत्तराखण्ड
CM धामी ने गब्बर सिंह का किया भव्य स्वगत ।
चारधाम आलवेदर परियोजना के तहत सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों का हौसला बांधे रखने में उत्तराखंड के कोटद्वार विशनपुर निवासी गब्बर सिंह नेगी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गब्बर सिंह नेगी ने इन विकटता के दिनों में श्रमिकों का हौसला टूटने नहीं दिया। साथ ही जब गब्बर सिंह बाहर आए तो गब्बर सिंह नेगी ने अपने बेटे आकाश से किया वादा भी पूरा किया।गत 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन से कोटद्वार निवासी गब्बर सिंह सहित 41 श्रमिक फंसे। इसी घटना की सूचना पर गब्बर सिंह नेगी का बेटा आकाश सिंह नेगी, बड़ा भाई जयमाल सिंह, तीरथ सिंह नेगी सहित परिवार के अन्य सदस्य उत्तरकाशी पहुंचे थे।
बेटे से किया था वादा
आकाश सिंह नेगी ने 15 नवंबर को जब पिता गब्बर सिंह नेगी से पाइप के जरिये बात की। तब गब्बर सिंह नेगी ने कहा था कि वह सुरंग के अंदर अकेले नहीं हैं। उनके साथ जो अन्य श्रमिक हैं उनकी सुरक्षा भी उनकी जिम्मेदरी है। जिस दिन खोज बचाव अभियान पूरा होगा। उस दिन सभी श्रमिकों के सकुशल बाहर निकाले के बाद वह खुद बाहर आएंगे।मंगलवार की शाम को सबसे अंतिम में आने वालों 40वां नंबर चंपावत के पुष्कर सिंह ऐरी था और 41वां नंबर कोटद्वार के गब्बर सिंह नेगी का था। बाहर आने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गब्बर सिंह नेगी का भव्य स्वागत किया।