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उत्तराखण्ड

कफ सिरप पीने से मरने वाले बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया है। मामले में दवा बनाने वाली कंपनी पर एफआईआर दर्ज।

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छिंदवाड़ा में कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत का सिलसिल अभी भी जारी है। मामले में शनिवार को दो और बच्चों की मौत हो गई है। अब तक कुल 11 बच्चे खराब सिरप पीने के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।

जिला कलेक्टर हरेन्द्र नारायण ने बताया कि सिरप बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से 10 बच्चे परासिया के हैं, जबकि एक पांढुरना का है। 

कलेक्टर ने बताया कि एफआईआर करने के लिए सभी जांच रिपोर्ट्स को दस्तावेज के रूप में एकत्र कर जमा किया गया है। छिंदवाड़ा एसपी से भी इस संबंध में बात हुई है। पुलिस इस मामले में पूरी जांच करेगी। जांच के बाद पता चल पाएगा कि मामले में किसकी, क्या भूमिका रही और कहां लापरवाही बरती गई? प्रारंभिक तौर पर दवा बनाने वाले पर एफआईआर की गई है क्योंकि इसमें तय मानकों से ज्यादा पदार्थ पाए गए हैं।

उन्होंने आगे बताया कि बच्चों की मौत किडनी काम नहीं करने के कारण हुई है। किडनी का काम नहीं करना सभी रिपोर्ट में पहले ही आ चुका था। इस वजह से मौत का कारण पता चल चुका था। यही कारण रहा कि बच्चों के पोस्टमार्टम नहीं करवाए गए।

 बडकुही की दो साल की योजिता की मौत
 शनिवार को बडकुही की दो साल की बालिका योजिता ढाकरे का नागपुर में उपचार के दौरान निधन  हो गया। बीते 26 दिनों से  बालिका नागपुर के निजी अस्पताल में भर्ती थी। शनिवार को एक बजे लता मंगेशकर अस्पताल में बालिका का निधन हो गया। बालिका वेंटिलेटर पर थी। शनिवार को सात बजे बालिका के शव को बडकुही सेंट्रल स्कूल के समीप स्थित घर पर लाया गया। इस मामले में अभी नागपुर में सात और छिंदवाडा में चार बच्चे भर्ती हैं। बच्चों का उपचार चल रहा है। 

9 सितंबर से नागपुर में भर्ती थी बालिका
बडकुही के डाक्टर्स कालोनी के निवासी लेखराम ढाकरे की दो साल की पोती योजिता आठ सितंबर को बीमार हुई थी। उसे बुखार आया था। दूसरे दिन उसे परासिया के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। नौ सितंबर को यूरीन नहीं होने से उसे नागपुर में भर्ती कराया गया। एक  अक्टूबर को बालिका की नाक कान से खून आने लगा था।बाद में उसे लता मंगेशकर अस्पताल में तीन अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। यहां उसकी हार्ट बीट कम हो गई। चार अक्टूबर को एक बजे बालिका की मौत हो गई।

बालिका का नागपुर में हुआ पोस्टमार्टम
बालिका का नागुपर में पोस्टमार्टम किया गया। यह पहला बच्चा है जिसका पोस्टमार्टम नागपुर में किया गया है। पोस्टमार्टम के कारण बालिका के पार्थिव शरीर को परासिया लाने में विलंब हुआ। ग्यारह मौतों में पहले बच्चे का पोस्टमार्टम किया गया है। बच्चों की मौतों के बाद पोस्टमार्टम नहीं कराए जाने को लेकर प्रशासन पर सवाल उठ रहे थे।

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