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उत्तराखण्ड

सीमांत जनपद पिथौरागढ़ और चंपावत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशनों का कायाकल्प किया जाएगा

कुमाऊं की हसीन वादियों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विकास परिषद ने स्वदेश दर्शन (मानस खंड) योजना शुरू की है। सीमांत जनपद पिथौरागढ़ और चंपावत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशनों का कायाकल्प किया जाएगा. साथ ही लोगों को स्वरोजगार से जोडा जायेगा। आयुक्त दीपक रावत 
शुक्रवार को कार्यदायी संस्था द्वारा आयुक्त श्री रावत को प्रथम फेज के बारे में मास्टर प्लान के बारे में प्रेजेंटेशन दिया गया।  आयुक्त ने बताया कि पर्यटक हिमालय की खूबसूरत वादियों का आनंद उठा सके। इसके लिए हैरिटेज सर्किट के अंतर्गत बैजनाथ, जागेश्वर, कटारमल तथा देवीधुरा गूंजी में कई कार्य किए जाने हैं। उक्त जगहों पर पर्यटकों के लिए मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण, पार्किंग, जन सुविधा केंद्र, पैदल मार्ग का निर्माण, विद्युत कार्य, व्यू प्वाइंट, साइनेज कार्य, रास्तों पर जगह-जगह रैलिंग बनाई जाएगी। इसके अलावा पैदल मार्ग पर पर्यटकों के बैठने के लिए बैंच का भी निर्माण किया जाएगा। खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्रों का भी निर्माण होगा। हैरिटेज सर्किट बन जाने से जहां पर्यटकों को सुविधा मिलेंगी वहीं वह हिमालय की खूबसूरत वादियों का दर्शन कर पाएंगे। 
उन्होंने कहा पिथौरागढ के सीमावर्ती गांव गुंजी व अन्य गांवों को भी सम्मलित किया गया है साथ ही बैजनाथ, जागेश्वर, कटारमल व देवीधूरा तथा चम्पावत व लोहाघाट के साथ ही टीगार्डन,श्यामला ताल, स्वामी विवेकानन्द, एबाट माउंट, मायावती आश्रम भी शामिल हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्देश दिये कि चम्पावत जनपद से हिमालय व्यू काफी नजदीक दिखता है उन स्पॉटों का भी चयन कर शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों मे कुछ यूनिक चीजें है जो लोगों ने नही देखी हैं। इन हिमालयी क्षेत्रों में विकास से यंहा पर्यटकों का आवागमन होगा और लोग इन क्षेत्रांे के बारे में जानकारी हासिल करेंगे साथ पर्यटन के साथ ही लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी वही क्षेत्र का विकास होगा।    

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