Connect with us

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड :- कप्तान की फिरकी में मास्टर माइंड अब्दुल मलिक फंसा, पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार

हल्द्वानी :– बनभूलपुरा दंगे का असल मास्टर माइंड अब्दुल मलिक आखिरकार पुलिस के शिकंजे में फंस गया। हल्द्वानी पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया है। घटना के 17वें दिन कप्तान प्रहलाद मीणा की फिरकी में मास्टर माइंड अब्दुल मलिक फंस गया और कप्तान मीणा के फिल्डर उसे दिल्ली से हल्द्वानी ले आये। बनभूलपुरा हिंसा के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक-एक दंगाई से हिसाब चुकते की बात कही थी। जिसके बाद कप्तान मीणा ने एक के बाद एक दंगाई को ढूढ़-ढूढ़कर सलाखों के पीछे भेजने का काम किया। अब तक हल्द्वानी पुलिस 81 दंगाईयों को सलाखों के पीछे भेज चुकी है। जैसे ही मलिक की गिरफ्तारी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों ने धामी के धाकड़ कप्तान की जमकर तारीफ की।

कप्तान मीणा द्वारा बिछाये जाल में आखिरकार मास्टर माइंड अब्दुल मलिक फंस गया। इसके लिए कप्तान मीणा ने छह पुलिस टीमें गठित की थी, जो देश के अलग-अलग राज्यों गुजरात, दिल्ली, मुम्बई, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई जगहों पर लगातार दबिश दे रही थी, इन्हीं में से एक टीम के हाथ मास्टर माइंड अब्दुल मलिक लग गया। आखिरकार कप्तान मीणा की चतुर कप्तानी काम आयी और अब्दुल मलिक हाथ लग गया। अब्दुल मलिक पुत्र अब्दुल रज्जाक निवासी-लाईन नंबर-08, आजादनगर बनभूलपुरा दंगे का मुख्य आरोपी था, जो दंगे क बाद से फरार चल रहा था, इसे लेकर पोस्टर की जारी किये गये जो, प्रदेश के कई सीमावर्ती जिलों में चस्पे किये गये थे, कप्तान मीणा हर हाल में अब्दुल मलिक को सलाखों के पीछे देखना चाहते थे, जो उनके लिए किसी चैलेंज से कम नहीं था। आखिरकार 8 फरवरी के हिंसा के मास्टर माइंड का कप्तान मीणा ने 24 फरवरी को गेम ओवर कर दिया। फिलहाल अब्दुल मलिक के पुत्र अब्दुल मोईद की तलाश जारी है। जल्द ही वह भी पुलिस के जाल में फंस ही जायेगा।

मास्टर माइंड अब्दुल मलिक के गिरफ्तारी की खबरें जैसे ही मीडिया पर चली तो पूरे देशभर में एक बार फिर कप्तान मीणा के पुलिस टीम की सराहना की गई। दंगे 17वें दिन मास्टर माइंड अब्दुल मलिक तक कप्तान मीणा की टीम पहुंच गई। गिरफ्तारी टीम में अनीस अहमद, प्रभारी एसओजी नैनीताल, उनि गौरव जोशी, कोतवाली लालकुंआ, ललित कुमार , एसओजी और चन्दन नेगी एसओजी शामिल रहे। मास्टर माइंड अब्दुल मलिक को गिरफ्तार करने वाली टीम पर इनामों की बौछार हो गई। डीजीपी ने 50 हजार, डीआई ने 5000 हजार तो एसएसपी मीणा ने 2500 रूपये के नगद धनराशि से पुरस्कृत करने की घोषणा की

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड

Trending News