Connect with us

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड :- समय पर इलाज मिल जाता तो नवजात की जान बच जाती है, लेकिन बारिश- भूस्खलन से बंद स़ड़कों ने परिजनों की छीनी खुशियों ।

लसीएचसी साहिया से एक दिन के नवजात को उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया। परिजन नवजात को लेकर विकासनगर की ओर जा ररहे थे। इस दौरान कालसी . चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड में मलबा आने से वाहन फंस गया। परिजन दो घंटे तक मोटर मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे। इस बीच नवजात ने दम तोड़ दिया।
अपने एक दिन के बच्चे को खोने से परिजन सदमे में है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृत नवजात के पिता ने अस्पताल में हंगामा भी काटा। जानकारी के अनुसार चकराता ब्लॉक के रिखाड़ गांव निवासी अंकित की पत्नी आशा देवी का सीएचसी साहिया में शुक्रवार सुबह प्रसव हुआ था।
मौत से सदमे में परिजन
रात को नवजात को अचानक बुखार चढ़ गया। अंकित ने नर्स को इसकी जानकारी दी।
नर्स ने हायर सेंटर में दिखाने के लिए कहा। शनिवार सुबह 7:00 बजे अंकित किसी कार चालक से लिफ्ट मांगकर विकासनगर की ओर निकला। कालसी .
चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पर मलबा आ रखा था। इस दौरान वाहन बीच रास्ते में फंस गया। करीब दो घंटे बाद भी मलबा हटाया नहीं जा सका है। करीब नौ बजे नवजात ने दम तोड़ दिया। पिता अंकित का आरोप है कि अगर अस्पताल प्रशासन समय से उन्हें नवजात की स्वास्थ्य की स्थिति की सही जानकारी दे देता तो उसकी मौत नहीं होती है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड

Trending News