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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: अब आपदा में एप करेगी होमगार्ड और ग्राम चौकीदार को सक्रिय, सबसे पहले पहुंचेंगे मौके पर

किसी भी हादसे या आपदा के वक्त पुलिस और एसडीआरएफ को बुलाया जाता है। लेकिन, पुलिस और एसडीआरएफ की पोस्ट काफी दूर भी होती है, लेकिन अब सबसे पहले मौके पर होमगार्ड और ग्राम चौकीदार पहुंचेंगे।पहाड़ों पर आपदा के वक्त अब सबसे पहले मौके पर होमगार्ड और ग्राम चौकीदार पहुंचेंगे। इसके लिए होमगार्ड मुख्यालय एक मोबाइल एप विकसित करा रहा है, जिसके माध्यम से कंट्रोल रूम को सूचना देकर इन्हें सक्रिय किया जाएगा।

जल्द होगा मोबाइल एप भी तैयार

दरअसल, किसी भी हादसे या आपदा के वक्त पुलिस और एसडीआरएफ को बुलाया जाता है। लेकिन, पुलिस और एसडीआरएफ की पोस्ट काफी दूर भी होती है। इससे उन्हें मौके तक पहुंचने के लिए घंटों का समय लग जाता है। इससे या तो स्थानीय लोग आपदा में लोगों की मदद करते हैं या फिर मदद न मिलने के कारण बहुत देर हो जाती है।

गांव देहात में रहते हैं ज्यादातर होमगार्ड

होमगार्ड की भर्ती ब्लॉक और जिला स्तर पर की जाती है। उन्हें तैनाती भी उनके ही क्षेत्र में दी जाती है। ऐसे में वह क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से पुलिस और एसडीआरएफ से ज्यादा वाकिफ रहते हैं। प्रदेश में ऐसे करीब पांच हजार से ज्यादा होमगार्ड ग्रामीण और दूर दराज के इलाकों में तैनात हैं। होमगार्ड मुख्यालय के अनुसार मौके के लिए स्थानीय होमगार्ड और चौकीदार सबसे पहले पहुंच सकते हैं। इससे समय पर राहत कार्य कर घायलों की जान बचाई जा सकती है।

चौकीदारों का भी जुटाया जा रहा विवरण

प्रदेश में 4500 से ज्यादा चौकीदार हैं। ये भी गांवों में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बीते वर्षों में उनके मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई थी। ये पुलिस के अच्छे सहयोगी माने जाते हैं। ऐसे में इन्हें भी अब होमगार्ड के साथ मिलकर आपदा में राहत बचाव के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए होमगार्ड मुख्यालय जल्द ही डीजीपी अशोक कुमार से वार्ता करने जा रहा है। ताकि, इस योजना को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जा सके।

आपदा राहत बचाव की दी जाएगी ट्रेनिंग

अभी तक पहाड़ी क्षेत्रों मसलन केदारनाथ, गंगौत्री, समेत चारों धामों में तैनात होमगार्ड को आपदा राहत बचाव कार्य की ट्रेनिंग दी गई है। लेकिन, होमगार्ड मुख्यालय अब जल्द ही सभी होमगार्ड को जरूरी ट्रेनिंग देगा। ताकि, उन्हें किसी भी स्थिति के लिए तैयार किया जा सके। घायलों को गहराई से निकालने से लेकर प्राथमिक उपचार आदि में भी दक्ष बनाया जाएगा। इसमें चौकीदारों को भी होमगार्ड मुख्यालय शामिल करेगा।हम एक एप तैयार कर रहे हैं। इसके बाद होमगार्ड मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। ताकि, एप पर जो सूचना आएगी उससे होमगार्ड को तत्काल हादसे या आपदा स्थल पर भेजा जा सके। जल्द ही इन होमगार्ड की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी। 

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