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उत्तराखण्ड

दीवान सिंह बनकोटी पिछले 25 वर्षों से साल गर्मी के सीजन में वनों में जगह-जगह तालाब बनाते।

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गणाई गंगोली : गर्मी के मौसम में इंसान ही नहीं पशु भी पानी के संकट से जूझते हैं। कई बार वन्यजीवों पानी की तलाश में आबादी तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में संघर्ष होने से मानव और वन्यजीव दोनों संकट में पड़ जाते हैं। बनकोट के दीवान सिंह बनकोटी पिछले 25 वर्षों से इसी मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।

गणाई गंगोली तहसील के स्यूनाड़ी बनकोट गांव निवासी बनकोटी हर साल गर्मी के सीजन में वनों में जगह-जगह तालाब बनाते हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी वे गर्मी के मौसम में जंगली जानवरों के पानी पीने की व्यवस्था करने में लगे हैं। वह वन्य क्षेत्रों में नमी वाले स्थानों या स्रोतों के समीप छोटे तालाब बनाते हैं। इससे जानवरों की प्यास बुझ जाती है और वन्य पशु गांवों की ओर नहीं आते हैं।

वह समय-समय पर तालाबों की साफ सफाई भी करते रहते हैं। इस वर्ष अब तक वह 30 से अधिक चाल खाल की सफाई कर छोटे-छोटे तालाब का निर्माण कर चुके हैं। दीवान सिंह की बनकोट मौखाले चौराहे पर छोटी सी दुकान भी है। पर्यावरण और वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में काम कर रहे दीवान सिंह हर साल बरसात के मौसम में पौधे लगाते हैं। उनका कहना है कि संयुक्त प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण सफल हो सकता है।

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